8TH SEMESTER ! भाग-20 ( Vengeance~ प्रतिशोध )
"असाइनमेंट करना भूल गया..."
जिसके बाद वो फिर जहा बैठी थी वहा से उठ खड़ी हुई और मेरे पीछे खड़े होकर धीरे से मेरे कान के पास फुसफुसाई
" फिज़िक्स लैब वाली बात तो नही भूले...?"
पूरे शरीर का पानी सूख गया और दिल की धड़कने तेज हो गयी ये सुनकर, मै ये सुनते ही एकदम शुन्य ऐसे हुआ, मानो मुझमे अब कोई चेतना ही ना बची हो... मुझे ऐसे भौचाक्का देख, दीपिका मैम की हंसी छूट गई...
"तुम शरमाते बहुत हो..."मेरे कान पास आकर वो एक बार फिर फुसफुसाई
"दरअसल,मुझे भी कुछ दिन पहले ही ये पता चला कि मैं एक शर्मिला लड़का हूँ..."
"सो, अब क्या इरादा है..."
"इरादा तो ये है कि मैं आज रात भर असाइनमेंट लिखूंगा और फिर कल आपको सबमिट कर दूँगा... यदि आपने तीन गुना लगान नही लिया तो..."दीपिका मैम के अरमानो पर पानी डालते हुए मै मुस्कुराया ...लेकिन उसके अगले ही पल दीपिका मैम ने एक जोरदार धमाका किया....
"मुझसे सेक्स करेगा या समलैंगिक है तू... जिस तरह से तू बात घुमा रहा है.. तू मुझे समलैंगिक ही लगता है और जरूर तेरा उस काले लड़के के साथ समलैंगिक रिश्ता है... जिसके साथ तू अक्सर घूमता रहता है..."खुन्नस मे वो बोली....
पहले फिजिक्स लैब वाली हरकत, फिर डायरेक्ट सेक्स करने की बात और अब अरुण को मेरा gay partner घोषित करना....मैं एक बार फिर सदमे मे आ गया और अभी का सदमा उस दिन के फिज़िक्स लैब वाले सदमे से ज़्यादा बड़ा था....वो मेरे पीछे खड़ी मेरे जवाब का इंतजार कर रही थी और मैं सदमे से बाहर आने की कोशिश कर रहा था......
"पानी मिलेगा...."मैने टॉपिक चेंज करने के इरादे से कहा....
"कौन सा पानी...? मेरा पानी पियेगा....? या बोतल दू..?"
दीपिका मैम के इन लफ़ज़ो ने मुझे एक बार स्माल हार्ट अटैक दिया और मुझे डर था की कही ये सब ऐसा ही चलता रहा तो ये स्माल -स्माल हार्ट अटैक सच के हार्ट अटैक मे ना तब्दील हो जाए.. मतलब, हो क्या रहा है ये...?
"मैं एक शरीफ पढ़ाई करने वाला लड़का हूँ , मुझे इन सब मे मत फँसाओ...."अपनी इज़्ज़त बचाने की मैने अपनी कोशिश जारी रखी....
"बोल तो ऐसे रहा है ,जैसे कभी हाथों का सहारा ही ना लिया हो ...."वो वापस सामने वाली चेयर पर बैठ गयी और अपने सामने रखे डेक्सटॉप पर कुछ करने लगी.....उसके बाद कुछ देर तक वो उसी मे बिज़ी रही और फिर बोली...
"इधर आओ..."
"किधर..."गला एक बार फिर सूखा...
"मेरे पास..."
लड़खड़ाते हुए कदमो से मैं दीपिका मैम की तरफ गया,जहा वो चेयर पर किसी महारानी की तरह बैठी हुई थी, उनके करीब जाकर मैं खड़ा हो गया और कंप्यूटर के स्क्रीन पर नज़र दौड़ाई,दीपिका मैम ने एक वीडियो प्ले किया , वो वीडियो ऐसा था कि जिसे देखकर मेरे पसीने छूट गये, इस बार तो हार्ट अटॅक ही आ जाता लेकिन मैने खुद को संभाल लिया......
"मुझे इस पोजीशन मे सबसे ज्यादा मजा आता है... "
जवाब मे मैने अपने होंठो को अपने दांतो से सिर्फ दबा लिया.. मेरे सामने इस समय ऐसा वीडियो चल रहा था, जिसे दीपिका मैम के साथ देखना मतलब............ पर .ये कैसे हो सकता है....? दीपिका मैम की पूरी हिस्ट्री जाननी पड़ेगी... की इन्होने किस - किस के साथ क्या -क्या किया.... मेरा मतलब कोई टीचर अपने स्टूडेंट के साथ ऐसे बर्ताव कैसे कर सकती है....लेकिन हक़ीक़त तो वही था जो उस दिन लैब मे मेरे साथ हो रहा था, उम्र के उस पड़ाव पर शायद बहुत सी चीज़े ऐसी थी जिसे जानना अभी बाकी था.... बहुत कुछ समझना बाकी था... जिसे मै जाना भी और समझा भी.. पर जरा देर से.. सब कुछ गवा देने के बाद...
मेरा मन और तन डोलने लगा , सीधे-सीधे शब्दो मे कहें तो जब आपके सामने वैसी वाली फिल्म चल रही हो और बगल मे मदहोश करने के लिए परफ्यूम मारे दीपिका मैम जैसी कोई हो तो... शिक्षक और छात्र का सम्बन्ध बहुत जल्दी अपना रंग बदल देता है... इस दौरान दीपिका मैम पीछे मुड़कर मुझे देखते हुए एक बार मुस्कुराई और ना चाहते हुए भी, मै चाहने लगा की.. मै दीपिका मैम के साथ वो सब करू.. जो उस वीडियो मे उस लड़की के साथ हो रहा था... आख़िरकार कब तक मै अपनी वासना को दबा के रखता....
"किसी लड़की मे तुम्हे सबसे अच्छा पार्ट क्या लगता है...."वीडियो बंद करके दीपिका मैम मेरे तरफ मूडी...
"मतलब....?"मैं जानता था कि दीपिका मैम के सवाल का क्या मतलब था ,लेकिन फिर भी मैने पुछा....
"मतलब कि चेहरा, छाती या फिर कमर के नीचे......."
"Lips.."मैने उनके वाक्य पूरा करने से पहले ही जवाब दिया और एक अजीब बात मुझे ये लगी कि,अब मुझे शरम नही आ रही थी.....
"टच माइ लिप्स..."
"किससे टच करूँ हाथ से या फिर होंठ से या फिर ......" कहते हुए मैने अपने सामने के दो दाँत दिखाए
"अभी तो फिलहाल हाथ से मज़ा लो..."
मैने अपनी कांपती हुई उंगलियो को दीपिका मैम के होंठो पर रखा और धीरे-धीरे सहलाते हुए उसके होंठ को अपनी उंगलियों से दबाने लगा... उनके होंठ मे लगे लिपस्टिक का हल्का हल्का कलर मेरी उंगलियों पर लग रहा था...ये सब कुछ बहुत अजीब था, मुझे खुद यकीन नही हो रहा था कि मेरी मुरझाई तक़दीर मे एक अप्सरा कैसे आ गयी वो भी बिना किसी लफड़े के...
"वहाँ भी हाथ फिरा लूँ...?"होंठ पर अपनी उंगलिया फिराते हुए मैने हिम्मत करके पूछा
"ये सब पुछा नही जाता...."
"ओके..."अपने दूसरे हाथ को भी मैने कम पर लगा दिया....
"यर क्या कर रहे... कम्प्लेन कर दूंगी मै तुम्हारे खिलाफ... शर्म नही आती... साले रेपिस्ट... "
ये सुनते ही मै झटके से पीछे की ओर दो फुट खिसक गया... कसम से यदि उम्र दराज होता तो सदमा लग गया होता मुझे ये सुनते ही... क्यूंकि मुझे मालूम है की एक बार यदि रेपिस्ट का टैग लग गया तो फिर पूरा जीवन बर्बाद... मेरी फट के चार हो गई सुनते ही.....
"मज़ाक कर रही हूँ... रो मत और अब तुम जाओ..."
"फाड़ के रख दी इसने तो और बोलती है जाओ.. मज़ाक कर रही थी...? हवसी औरत.."कंप्यूटर लैब से बाहर निकल कर मैं खुद पर झल्लाया और बाथरूम की तरफ चल दिया, आज कई धमाके एक साथ हो चुके थे, पहले मैने उन पाँचो चुड़ैलों को बत्ती दी, फिर बाजीराव सिंघम और उसके दोस्त को और उसके बाद कंप्यूटर लैब वाला धमाका.....लेकिन एक और धमाका बहुत जल्द होने वाला था और ये धमाका सबसे बड़ा भी था........
"मुझे मालूम चल गया है कि एश कॉलेज क्यूँ नही आ रही कुछ दिनो से...."बाथरूम मे अपने हाथ से अपनी सेवा करके आलस और थकान से मरा मुँह लेकर मैं क्लास मे घुसा ही था कि अरुण बोला....
"क्यूँ....?"मैने अरुण की तरफ देखा....
अभी तक मैं यही समझ रहा था कि शायद उसके घर मे कोई काम होगा, या फिर उसकी तबीयत खराब होगी या हल्का फूलका बुखार होगा, ये भी हो सकता है कि वो अपने किसी रिश्तेदार से मिलने कहीं बाहर गयी हो और इसी वजह से वो कॉलेज ना आई हो, लेकिन अरुण ने धमाका करके मेरे दिमाग़ को शुन्य कर दिया, उसने एश के कॉलेज ना आने का जो रीज़न बताया ,उसे सुनकर यकीन ही नही हुआ और मैने अरुण से एक बार फिर पुछा....
"क्या बोला तूने मैने सुना नही..."
"एश ने स्यूयिसाइड करने की कोशिश की थी......"
To Be Continued.........
Sana Khan
01-Dec-2021 02:05 PM
Good
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Kaushalya Rani
25-Nov-2021 09:12 PM
Nice part
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Barsha🖤👑
25-Nov-2021 05:24 PM
बहुत ही रोचक भाग।..सस्पेंस...
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